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शरीर पर उत्पन्न चिन्ह, आकृति, बनावट, भूमि के रंग, आकाश में बनने वाली आकृति, पशुपक्षियों की आवाज़, प्रश्न कर्ता के प्रश्न, स्वर के माध्यम से, हाथो की रेखाओं से भविष्य की भविष्यवाणी करना ही अष्टांग निमित्त है। आठो प्रकार के निमित्तों से भविष्यवाणी करना सिखाया जाता है।
20,000+ Students Trained
Course Language: Hindi
Based on Vedic Science
Certification